वाराणसी: बनारस रेल इंजन कारखाना (बरेका) ने आज एक और मील का पत्थर पार करते हुए 2500वें विद्युत रेल इंजन को राष्ट्र को समर्पित कर दिया। इस ऐतिहासिक अवसर ने न सिर्फ भारत की तकनीकी क्षमताओं को एक बार फिर स्थापित किया, बल्कि “आत्मनिर्भर भारत” की परिकल्पना को साकार करने की दिशा में एक सशक्त संकेत भी दिया।
इस गौरवपूर्ण लोकोमोटिव का लोकार्पण बरेका के महाप्रबंधक नरेश पाल सिंह द्वारा बड़े ही हर्षोल्लास और उत्साहपूर्ण वातावरण में किया गया। समारोह का आयोजन बरेका परिसर में हुआ, जिसमें देशभर से आए अनेक विशिष्ट अतिथि, अधिकारीगण, कर्मचारी और पत्रकार उपस्थित रहे।
प्रतिनिधिमंडल का भव्य स्वागत और बरेका दर्शन
इस विशेष अवसर पर नेशनल प्रेस पार्टी के 44 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने बरेका का औपचारिक दौरा किया। इस प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कार्यकारी निदेशक (सूचना एवं प्रचार) दिलीप कुमार ने किया।
कार्यक्रम की शुरुआत ‘हॉल ऑफ फेम’ में एक विस्तृत प्रस्तुतीकरण से हुई, जिसमें बरेका के निर्माण इतिहास, निर्यात उपलब्धियों, स्वदेशीकरण की दिशा में किए गए प्रयास, हरित ऊर्जा की पहल और तकनीकी नवाचारों को प्रदर्शित किया गया।
प्रतिनिधियों ने बरेका की अत्याधुनिक कार्यशालाओं का भ्रमण कर लोकोमोटिव निर्माण प्रक्रिया को प्रत्यक्ष रूप से देखा और देश की औद्योगिक ताकत को सराहा।
2500वां विद्युत इंजन: नवाचार, गुणवत्ता और समर्पण का प्रतीक
कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण रहा 2500वें इलेक्ट्रिक इंजन का लोकार्पण। यह इंजन आधुनिक तकनीक से सुसज्जित WAP-7 श्रेणी का है, जो 6000 हॉर्सपावर की क्षमता, वातानुकूलित कैब, रीजेनेरेटिव ब्रेकिंग प्रणाली और 140 किमी/घंटा की गति से संचालित हो सकता है।
यह इंजन दक्षिण पश्चिम रेलवे के कृष्णराजपुरम शेड को आवंटित किया गया है।
महाप्रबंधक नरेश पाल सिंह ने बरेका की महिला कार्यबल के प्रतिनिधियों – अनिता देवी (फिटर), श्रुति श्रीवास्तव (सहायक), मो. निजामुद्दीन (एसएसई) और कृष्ण कुमार (एमसीएम) – के साथ मिलकर इस इंजन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। यह क्षण महिला सशक्तिकरण और समान भागीदारी का एक प्रेरणादायक प्रतीक बन गया।
8 वर्षों में 2500 विद्युत इंजन: एक असाधारण उपलब्धि
बरेका ने विद्युत रेल इंजनों का निर्माण वर्ष 2017 में केवल दो इंजनों से शुरू किया था। मात्र 8 वर्षों के भीतर 2500 इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव का निर्माण कर लेना एक अभूतपूर्व सफलता है, जो बरेका की तकनीकी दक्षता, प्रतिबद्धता और समर्पण को दर्शाता है।
अब तक बरेका द्वारा कुल 10,822 लोकोमोटिव का निर्माण किया जा चुका है, जिनमें शामिल हैं:
- 7498 डीज़ल इंजन
- 2500 विद्युत इंजन
- 641 गैर-रेलवे ग्राहकों हेतु डीज़ल इंजन
- 174 निर्यातित डीज़ल इंजन
- 1 ड्यूल ट्रैक्शन इंजन
- 8 कन्वर्जन इंजन
वित्तीय वर्ष 2024-25 में बरेका ने अब तक का सर्वाधिक 472 विद्युत लोकोमोटिव का निर्माण किया, जो आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक ठोस कदम माना जा रहा है।
अंतरराष्ट्रीय मंच पर बरेका की चमक
बरेका अब न केवल भारत की सेवा कर रहा है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी अपनी तकनीकी विशेषज्ञता का प्रदर्शन कर रहा है। हाल ही में मोज़ाम्बिक रेलवे द्वारा बरेका को 10 आधुनिक डीजल-इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव का ऑर्डर दिया गया है, जिनमें से 2 इंजन जून 2025 में पहले ही रवाना हो चुके हैं और शेष 8 इंजनों की आपूर्ति दिसंबर 2025 तक की जाएगी।
गरिमामयी उपस्थिति और उत्सव का माहौल
इस विशेष कार्यक्रम में बरेका के सभी वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे, जिनमें शामिल हैं: विवेक शील – प्रमुख मुख्य यांत्रिक इंजीनियर, आलोक अग्रवाल – प्रमुख मुख्य सामग्री प्रबंधक, विनोद कुमार शुक्ल – प्रमुख मुख्य इंजीनियर, मुक्तेश मित्तल – प्रधान वित्त सलाहकार, लालजी चौधरी – प्रमुख मुख्य कार्मिक अधिकारी (प्रशासन)
इनके अलावा बड़ी संख्या में बरेका के अधिकारी, कर्मचारी और तकनीकी स्टाफ ने इस ऐतिहासिक क्षण को साक्षी बनकर उत्सव का रूप दिया।
बरेका: भविष्य की ओर एक नया कदम
- बरेका की यह उपलब्धि केवल एक औद्योगिक सफलता नहीं, बल्कि यह नई पीढ़ी के आत्मनिर्भर और समावेशी भारत के निर्माण में एक मजबूत आधारशिला है। तकनीकी उत्कृष्टता, नवाचार, महिला सशक्तिकरण और वैश्विक मानकों की ओर अग्रसर यह यात्रा आने वाले समय में और ऊंचाइयां छूने को तैयार है।