छपरा, 09 जुलाई 2025 – ऑल इंडिया रेलवेमेंस फेडरेशन (AIRF) के आह्वान पर आज पूरे देश भर के रेलवे जोन में कर्मचारियों ने एकजुट होकर प्रदर्शन किया। इसी क्रम में डीजल लॉबी छपरा पर भी बड़ी संख्या में रेल कर्मचारियों ने सुबह 9:00 बजे गेट मीटिंग के माध्यम से अपनी मांगों और समस्याओं को लेकर जोरदार धरना-प्रदर्शन किया।
कार्यक्रम की अगुवाई छपरा शाखा के संयुक्त मंत्री श्री राकेश कुमार ने की, जिसमें उन्होंने रेलवे प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि कर्मचारियों की मांगें जल्द नहीं मानी गईं तो वे रेल चक्का जाम करने को मजबूर होंगे। उन्होंने यह भी कहा कि यह सिर्फ कर्मचारियों की लड़ाई नहीं है, बल्कि यह रेल सेवाओं की गुणवत्ता और रेल कर्मचारियों की गरिमा से जुड़ा मामला है।
मुख्य मांगे और ज्ञापन की प्रमुख बातें:
रेल कर्मचारियों ने सहायक मंडल विद्युत अभियंता को ज्ञापन सौंपा जिसमें निम्नलिखित प्रमुख मांगें शामिल थीं
1. डी.ए. (महंगाई भत्ता) के अनुरूप रनिंग भत्ता में तत्काल वृद्धि की जाए।
2. बढ़ती ट्रेनों की संख्या को ध्यान में रखते हुए बीओएस (Booking of Staff) में वृद्धि की जाए।
3. आठवां वेतन आयोग शीघ्र लागू किया जाए।
4. छपरा कचहरी और थावे जंक्शन पर शन्टर (Shunter) की नियुक्ति की जाए।
5. छपरा लॉबी के वेटिंग हॉल में आरामदायक कुर्सियों एवं एसी की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।
6. शंटर कर्मचारियों के लिए स्टेशन मास्टर ऑफिस से रिपोर्टिंग के बाद शंटर कक्ष की सुविधा दी जाए।
7. साइकिल स्टैंड में जमा पानी की निकासी की समुचित व्यवस्था की जाए और वहां सफाई कराई जाए।
8. साइकिल स्टैंड क्षेत्र में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं, जिससे सुरक्षा बढ़े।
9. डाउन साइड और अप साइड आउटडोर क्रू नियंत्रक की ड्यूटी 4200 ग्रेड पे वाले कर्मचारियों के रोस्टर से कराई जाए।
10. बलिया रनिंग रूम में खाद्य गुणवत्ता को सुधारने की आवश्यकता जताई गई।
भारी संख्या में रेलकर्मियों की भागीदारी
धरना स्थल पर बड़ी संख्या में रेलकर्मी उपस्थित रहे, जिनमें प्रमुख रूप से श्री संजय चौधरी, राजीव रंजन, मुकेश कुमार सिंह (स्टेशन मास्टर), गोविंदा चौधरी, शुभांशु राज, कुणाल, अमित कुमार, आलोक कुमार, हिमांशु कुमार, कौशल कुमार एवं मृत्युंजय कुमार शामिल रहे। इन सभी ने एक सुर में कहा कि यह प्रदर्शन कर्मचारियों के अधिकारों के लिए है और जब तक उनकी जायज़ मांगों को नहीं माना जाएगा, तब तक संघर्ष जारी रहेगा।
प्रशासन की प्रतिक्रिया का इंतजार
अब सभी की निगाहें रेलवे प्रशासन की प्रतिक्रिया पर टिकी हैं। कर्मचारियों ने स्पष्ट संकेत दे दिया है कि यदि उनकी समस्याओं को जल्द हल नहीं किया गया, तो वे बड़े आंदोलन की राह पर आगे बढ़ेंगे, जिससे रेल संचालन भी प्रभावित हो सकता है।