रेल मंत्री ने दिया ₹17.30 करोड़ की सौगात: कर्पूरीग्राम स्टेशन का होगा कायाकल्प



रेलवे डेस्क। बिहार की रेल संरचना को आधुनिक और यात्रियों के अनुकूल बनाने के उद्देश्य से केंद्र सरकार द्वारा लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में रेल, सूचना एवं प्रसारण, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कर्पूरीग्राम स्टेशन परिसर में कई महत्त्वपूर्ण योजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन किया। कुल ₹17.30 करोड़ की लागत वाली परियोजनाएं यात्री सुविधाओं के विस्तार, संरक्षा और बुनियादी ढांचे को सुदृढ़ करने पर केंद्रित हैं।

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दीघा ब्रिज हॉल्ट का निरीक्षण

कार्यक्रम की शुरुआत में रेल मंत्री ने दीघा ब्रिज हॉल्ट का निरीक्षण किया, जहां उन्होंने प्लेटफॉर्म की स्थिति, यात्री सुरक्षा, पेयजल, रोशनी, साफ-सफाई और निगरानी प्रणाली की समीक्षा की। उन्होंने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि यात्रियों को सुरक्षित, स्वच्छ और तकनीक-संपन्न रेल सेवा मुहैया कराना सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए।

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कर्पूरीग्राम स्टेशन उन्नयन कार्य का शिलान्यास

रेल मंत्री ने ₹3.30 करोड़ की लागत से कर्पूरीग्राम स्टेशन पर होने वाले उन्नयन कार्यों का शिलान्यास किया। प्रस्तावित विकास कार्यों में शामिल हैं:

  • स्टेशन भवन का आधुनिकीकरण
  • आधुनिक प्रतीक्षालय और शौचालय
  • डिजिटल सूचना प्रणाली
  • दिव्यांगजनों के लिए रैम्प
  • स्वच्छ पेयजल और लाइटिंग व्यवस्था
  • बेहतर यात्री सुविधा केंद्र

इसके साथ ही उन्होंने स्टेशन पर पहले से पूरी हो चुकी यात्री सुविधाओं का उद्घाटन भी किया, जिससे स्थानीय यात्रियों को सुविधाजनक यात्रा का अनुभव मिलेगा।

अंडरग्राउंड रेलवे सबवे का भूमिपूजन

इसके उपरांत रेल मंत्री ने कर्पूरीग्राम और खुदीराम बोस पूसा स्टेशनों के बीच स्थित समपार फाटक संख्या 59 ‘C’ पर ₹14 करोड़ की लागत से बनने वाले अंडरग्राउंड रेलवे सबवे का भूमिपूजन किया। उन्होंने कहा कि यह परियोजना:

  • स्थानीय वाहन चालकों को ट्रेनों की आवाजाही के दौरान जाम और प्रतीक्षा से राहत देगी
  • ट्रैफिक व्यवस्था को सुचारू बनाएगी
  • रेलवे क्रॉसिंग पर दुर्घटनाओं की संभावना को कम करेगी
  • समग्र संरक्षा में इजाफा करेगी

बिहार को मिला 10 गुना बड़ा रेल बजट

रेल मंत्री ने बताया कि बिहार को मिलने वाला रेल बजट पहले मात्र ₹1,000 करोड़ था, जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बढ़ाकर ₹10,000 करोड़ कर दिया गया है। इससे यह स्पष्ट होता है कि केंद्र सरकार बिहार के विकास को प्राथमिकता दे रही है।

11 वर्षों में 33,000 किमी नई रेल लाइनें

अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि बीते 11 वर्षों में भारतीय रेलवे ने 33,000 किलोमीटर नई रेल लाइनें बिछाईं, जो कि पूर्ववर्ती सरकारों की तुलना में कई गुना अधिक है। यह देश की सामाजिक और आर्थिक गति को बढ़ाने वाला परिवर्तन है, जिससे राज्यों को बेहतर कनेक्टिविटी और रोजगार के अवसर मिल रहे हैं।

‘विकसित भारत’ में बिहार की अहम भूमिका

रेल मंत्री वैष्णव ने कहा, “प्रधानमंत्री का सपना है कि बिहार जैसे राज्य भी विकसित भारत की परिकल्पना का मजबूत स्तंभ बनें। रेलवे इस दिशा में इंजन का काम कर रहा है।” कार्यक्रम में कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के राज्य मंत्री रामनाथ ठाकुर, स्थानीय जनप्रतिनिधि, रेलवे अधिकारी और बड़ी संख्या में आम लोग उपस्थित रहे। उन्होंने भी इस पहल की सराहना की।

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव की इस यात्रा और ₹17.30 करोड़ की योजनाओं का शिलान्यास बिहार के लिए रेल विकास की एक नई शुरुआत साबित हो सकती है। इससे न केवल यात्री सुविधाएं बेहतर होंगी, बल्कि राज्य की कनेक्टिविटी और आर्थिक उन्नति को भी नई रफ्तार मिलेगी।

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